देश का पहला डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा रांची में, खर्च 3800 करोड़ रूपये

देश के पहला डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर की नितिन गडकरी ने गुरूवार को रांची में आधारशिला रखी। कुल 3800 करोड़ की लागत वाली योजनाओं में देश का पहला 10.04 किलोमीटर लंबा डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण अगले दो वर्षों होना है।

देश का पहला डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा रांची में, खर्च 3800 करोड़ रूपये


रांची

देश के पहला डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर की नितिन गडकरी ने गुरूवार को रांची में आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि सड़कों से झारखंड की तकदीर बदलेगी। रांची और जमशेदपुर से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने झारखंड को बड़ा तोहफा दिया है। कुल 3800 करोड़ की लागत वाली योजनाओं में देश का पहला 10.04 किलोमीटर लंबा डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण अगले दो वर्षों होना है। नितिन गडकरी ने राजधानी रांची में कॉरिडोर बनाने की भी घोषणा की। उधर गडकरी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 2024 के अंत तक झारखंड में 2 लाख करोड़ रुपये सड़क निर्माण पर खर्च किया जाएगा। साथ ही टाटा कंपनी से भी नितिन गडकरी ने आग्रह किया है कि उनके पास जो बेस्ट मटेरियल है, वह केंद्र सरकार को दें। सरकार झारखंड से बिहार तक सड़क को और सुंदर कर देगी। जमशेदपुर के NH-33 स्थित काली मंदिर से लेकर बालिगुमा थक डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस दौरान पूर्वी सिंहभूम सहित पूरे कोल्हान के 10 सड़क की भी आधारशिला रखी। कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सड़कों के विकास में केन्द्र का काम अभूतपूर्व है।


10 बड़ी सड़कों की सौगात

केन्द्रीय मंत्री ने जमशेदपुर को 10 बड़ी सड़कों की सौगात दी है। जमशेदपुर में 3843 करोड़ की लागत से 220 किलोमीटर की 10 एनएच परियोजना का शिलन्यास वो लोकार्पण किया है। जमशेदपुर के गोपाल मैदान में व रांची के पुराने विधानसभा मैदान में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड खनिव व वन संपदा से परिपूर्ण राज्य है। देश के विकास में झारखंड का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में यह जरूरी है कि यहां के युवाओं को रोजगार मिले, उद्योग घंधे स्थापित होंगे तो पूंजी आयेगी और गरीबी दूर होगा। झारखंड में पहले 200-250 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थी, जो अब बढ़कर 4000 किलोमीटर से भी अधिक हो चुकी है।

राज्य से प्रस्ताव नहीं भेजे जा रहे

अपने संबोधन के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने हेमंत सोरेन सरकार को विनय पूर्वक कहा कि रोपवे, केबल कार जैसी योजनाओं के लिए राज्य से एक भी प्रस्ताव नहीं भेजे गये, जबकि बाकि राज्यों से 207 प्रस्ताव आये हैं। उन्होंने कहा कि वे अपना वादा पूरा करेंगे। वो जो कहते हैं पूरा करते हैं।