जैंतगढ़ सीमावर्ती पंचायतों को मिलाकर नया प्रखंड बनाने की मांग

जैंतगढ़ क्षेत्र के मुंडुई, गुमुरिया, तुरली, होकर गुजरने वाली वैतरणी नदी से टनो टन बालू का अवैध कारोबार होता है, जिसमें कुछ हद तक प्रशासन के लोग भी मिले रहते हैं! अगर इस क्षेत्र में नया प्रखंड मुख्यालय बन जाता है तो झारखंड सरकार के करोड़ों रुपए का राजस्व चोरी होने से बच जाएंगे

जैंतगढ़ सीमावर्ती पंचायतों को मिलाकर नया प्रखंड बनाने की मांग
जैंतगढ़ सीमावर्ती पंचायतों को मिलाकर नया प्रखंड बनाने की मांग

वर्ष 2013 से प्रखंड नव निर्माण संघर्ष समिति जैंतगढ़ सीमावर्ती पंचायतों को मिलाकर नया प्रखंड बनाने की मांग कर रही है! कोविड-19 के समय समिति के अध्यक्ष स्वर्गीय मुन्ना पोद्दार के आकस्मिक मृत्यु के पश्चात समिति निष्क्रिय हो गई थी! परंतु इधर समिति के पदाधिकारी गण फिर से प्रखंड बनाने को लेकर क्षेत्र में लगातार बैठक कर रहे हैं! उसी क्रम में आज सुबह 9:00 बजे मुंडुई हाटटांडी 
में प्रखंड नव निर्माण संघर्ष समिति जैंतगढ़ की एक बैठक मुंडा संघ के प्रखंड उपाध्यक्ष विनय पवांर की अध्यक्षता में रखी गई थी! बैठक में विभिन्न पंचायतों से मानकी मुंडा डकवा के इलावा पंचायत प्रतिनिधि से लेकर खास व आम लोग उपस्थित थे! सभा को संबोधित करते हुए मुंडा संघ के उपाध्यक्ष विनय पवांर ने कहा कि कोई काम कराने के लिए प्रखंड मुख्यालय जाना किसी चुनौती से कम नहीं है, आपको एक छोटे से काम के लिए भी पांच छह बार जाना पड़ता है, पदाधिकारी सा समय उपस्थित नहीं रहते हैं! हमारे क्षेत्र के लोग ज्यादातर मजदूरी करके घर चलाते हैं, ऐसे में अगर उनको प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ गया तो केवल उनकी एक दिन की देहाड़ी नहीं जाती, बल्कि पदाधिकारी अनुपस्थित होने के कारण उनका पूरा दिन भी बेकार चला जाता है! प्रखंड नवनिर्माण समिति के उपाध्यक्ष संदेश सरदार ने कहा कि पिछली बार समिति के प्रयास से काम बहुत आगे बढ़ गया था, ठीक वैसे ही इस बार नई समिति का गठन करके हम लोग जल्द से जल्द माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से मिलकर नए प्रखंड के निर्माण के लिए प्रयास करेंगे! सामाजिक कार्यकर्ता आमीर हिंदुस्तानी ने कहा कि जैसे ही प्रखंड नव निर्माण संघर्ष समिति जैंतगढ़ सक्रिय हुई है, वैसे ही विरोधियों ने इस समिति को लेकर दुष्प्रचार शुरू कर दिया है! उन्होंने क्षेत्र के लोगों को सावधान करते हुए कहा कि किसी भी पार्टी या राजनेता के बहकावे में आकर पिछली दफा की तरह समिति को कमजोर नहीं करना है! समिति केवल सीमावर्ती क्षेत्र के पंचायतों को मिलाकर नए प्रखंड बनाने की मांग कर रही है! प्रखंड कहां बनना है, कैसे बनना है, कब बनना है? यह सब चीजें सरकार तथा प्रशासन को तय करना है! कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए आप को दिग्भ्रमित करेंगे, परंतु आपको किसी के बहकावे में नहीं आना है! जैंतगढ़ पंचायत की उप मुखिया नर्मता राज एवं प्रमीला पात्राने ने साझा रूप से कहा की वर्तमान प्रखंड मुख्यालय जाकर अपना काम करा कर वापस लौटना महिलाओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, साथ में सुरक्षा की दृष्टि से भी सही नहीं है! इसलिए इस क्षेत्र की महिलाएं चाहती हैं कि इस क्षेत्र में हमारा अपना नया प्रखंड बने जिससे सुदूर ग्रामीण इलाके की महिलाएं प्रखंड कार्यालय से अपना काम करा कर सही समय पर घर लौट सकें, तथा सरकारी कार्यक्रमों में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें! समाज सेवी शंभू गुप्ता ने कहा कि मैंने झारखंड सरकार के साथ साझा रूप से प्रयास करके क्षेत्र के लोगों का टीकाकरण करवाया, आज उन लोगों को हमारा साथ देने की आवश्यकता है! इन लोगों का भी वक्तव्य सराहनीय था अर्जुन सरदार दीपक लागुरी कर्तार सरदार आदि आदि! 

आपको बताते चलें कि जैंतगढ़ क्षेत्र के मुंडुई, गुमुरिया, तुरली, होकर गुजरने वाली वैतरणी नदी से टनो टन बालू का अवैध कारोबार होता है, जिसमें कुछ हद तक प्रशासन के लोग भी मिले रहते हैं! अगर इस क्षेत्र में नया प्रखंड मुख्यालय बन जाता है तो झारखंड सरकार के करोड़ों रुपए का राजस्व चोरी होने से बच जाएंगे! साथ साथ अगर सुरक्षा की दृष्टिकोण से देखा जाए, तो यह क्षेत्र उड़ीसा के सीमावर्ती इलाकों में आता है, प्रखंड मुख्यालय बन जाने से क्षेत्र की सुरक्षा भी होने लगेगी! यहां की छोटी मोटी समस्याओं से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ तथा आम जनमानस को जागरुक करना भी आसान हो जाएगा! मौके पर मुख्य रूप से मंकी दीपक लागुरी, पूर्व मुखिया अर्जुन सरदार, सामाजिक कार्यकर्ता शंभू गुप्ता, आमिर हिंदुस्तानी उप मुखिया नम्रता राज, महिला समिति अध्यक्ष प्रमिला पात्रा, करतार सरदार, संतोष प्रधान, सुशील सरदार, संतोष कुमार महतो, गोलख प्रधान, बहादुर सरदार, बुधराम सरदार, मिथुन सरदार, राजेंद्र दोराई, सुभाष लागरी, हरीश तामसो, कलोड पूर्ति, संतोष सरदार, बादल सरदार, जारो सरदार, अजय सरदार, बघया सरदार, मंगल सिंह सरदार आदि उपस्थित थे!