जमशेदपुर : 41 साल बाद नौसैनिक रामजी दुबे को मिला पहली बार पेंशन, खुशी से झूम उठा परिवार

बिरसानगर निवासी सेवानिवृत नौ सैनिक रामजी दुबे एवं उनके परिवार की खुशी उस समय दोगुनी हो गई, जब उन्हें 41 वर्ष बाद पहली बार पेंशन मिला।

जमशेदपुर : 41 साल बाद नौसैनिक रामजी दुबे को मिला पहली बार पेंशन, खुशी से झूम उठा परिवार
सुशील कुमार सिंह को मिठाई का डब्बा सौंपते रामजी दुबे
Jamshedpur: बिरसानगर निवासी सेवानिवृत नौ सैनिक रामजी दुबे एवं उनके परिवार की खुशी उस समय दोगुनी हो गई, जब उन्हें 41 वर्ष बाद पहली बार पेंशन मिला। पेंशन की राशि खाते में आने की खुशी में उन्होंने इस असंभव कार्य को संभव करने वाले पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सदस्यों का मुंह मीठा कराया। रामजी दुबे नौसेना से 1981 में 10 साल सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए थे। उस समय बॉयज नेव्ही की भर्ती होती थी और लोग 10 साल में बिना पेंशन के सेवानिवृत होकर देश की सिविल संस्थाओं या विदेश की संस्थाओं में आराम से नौकरी पा जाते थे। श्री डुबेने भी पेंशन सिविल जॉब किया। लेकिन कालांतर में वह छूट गया। धीरे धीरे सब पैसा खर्च होने के बाद वे सामान्य जीवन बिताने लगे। एक दिन उनकी मुलाकात पूर्व सैनिक सीपी सिंह से हुई। उन्होंने रामजी दुबे को सेना के कर्मठ समाजसेवी सुशील कुमार सिंह से मिलने के लिए कहा। रामजी दुबे की स्थिति जानने के बाद सुशील सिंह केंद्रीय सैनिक बोर्ड से चार हजार रुपया का पेनरी ग्रांट दिलाने के उद्देश्य से उन्हें जिला सैनिक बोर्ड चाईबासा लेकर गए। बातचीत के क्रम में नौ सेना के रिकॉर्ड ऑफिस से उनके सैनिक होने या न होने की जानकारी मांगी गई।  नौ सेना के रिकॉर्ड ऑफिस से उन्हें पेंशन फॉर्म प्राप्त हुआ। 
डेढ़ वर्ष के अनवरत प्रयास के बाद लागू हुआ पेंशन
लगातार 18 महीने के कठिन और अनवरत प्रयास के बाद 30 सितम्बर 2023 को रामजी डूबे का पहला पेंशन 24,233 रुपया प्रति माह शुरू हो गया। सुशील कुमार सिंह ने बताया कि रामजी दुबे का पेंशन लागू होने के बाद उन्हें करीब दस लाख से ऊपर एरियर मिलने की उमीद है। दूसरी ओर बढ़ती उम्र में सांगठनिक प्रयास पेंशन लागू होने के बाद रामजी दुबे की खुशी का ठिकाना नहीं है। पुर्व सैनिक सेवा परिषद एवं सुशील कुमार सिंह की सराहना करते हुए रामजी दुबे मिठाई का डिब्बा लेकर सैनिक इंटरप्राइजेज भुइयांडीह पहुंचे और अपनी खुशी का इजहार किया। इस दौरान उन्होंने पुर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के सदस्यों का मूंह मीठा कराया तथा आभार व्यक्त किया। 
सुशील सिंह के प्रयास से कई पूर्व सैनिकों को मिला है पेंशन
सुशील कुमार सिंह ने बताया कि संगठन के इतिहास में यह एक सुनहरा अवसर है। इसके पहले माया देवी को 25 साल बाद, मुन्ना देवी को 12 साल बाद पेंशन दिलाने में सफलता मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि सैनिकों के अधिकार दिलाने के लिए उनके नेतृत्व में एक समर्पित टीम हमेशा सहयोगी के रूप में कार्य करती रहती है। पूरे संगठन में खुशी की लहर है। सदस्यों का मानना है कि अगर नेतृत्वकर्ता अच्छा हो तो हर असंभव को सम्भव किया जा सकता है।