भुईहर मुंडा को ST का दर्जा देगी राज्य सरकार : आलमगीर आलम

झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि राज्य सरकार भुईहर मुंडा को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिये राज्य सरकार पूरी तरह से सहमत है। इस संबंध में सरकार ने अपनी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी है।

भुईहर मुंडा को ST का दर्जा देगी राज्य सरकार : आलमगीर आलम

रांची

झारखंड के संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज विभाग के मंत्री और झारखण्ड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेताआलमगीर आलम ने कहा है कि राज्य सरकार भुईहर मुंडा को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिये राज्य सरकार पूरी तरह से सहमत है। इस संबंध में सरकार ने अपनी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी है। केंद्र की सहमति मिलने के बाद भुईहर मुंडा को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे दिया जायेगा। आज राजधानी रांची में भुईहर मुंडा अनुसूचित जनजाति के लोगों के सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री आलम ने स्वीकार किया कि ना केवल आरक्षण में बल्कि अनेक सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भुईहर मुंडा जनजाति समुदाय के सदस्य असमर्थ हैं, क्योंकि अधिकारिक रूप से उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त नहीं है। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी है कि भुईहर मुंडा, मुंडा जनजाति की पहली उपजाति है लेकिन झारखण्ड गठन के बाद प्रशासनिक स्तर पर हुई त्रुटियों के कारण उन्हें अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिया गया, जबकि बाद में भारत सरकार के जनजातीय मामलों से संबंधित मंत्रालय द्वारा इस जनजाति को सामान्य बताया गया। 

नेहा तिर्की ने सदन में उठाया था मामला

मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने इस मामले को झारखण्ड विधानसभा में उठाया था। विधायक ने कहा कि संबंधित मंत्रालय के असहयोगात्मक रवैये के कारण भुईहर मुंडा को अबतक अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका है। झारखण्ड गठन के 22 साल के बाद भी राजकीय स्तर पर भुईहर मुंडा को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त न होना अफसोस और पीड़ा की बात है।

साजिश का हिस्साः बंधु तिर्की

झारखण्ड सरकार के समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि एक साजिश के तहत अनुसूचित जनजाति की आबादी को सांख्यिकी रूप से कम करके दिखाने के लिए इस तरह की गड़बड़ियां की जाती है। ऊपर से तो लगता है कि यह प्रशासनिक स्तर पर त्रुटि है या लिपिकीय भूल है लेकिन वास्तव में इसकी पृष्ठभूमि में गहरी साजिश होती है और प्रयास जमीन लूटने का भी होता है। श्री तिर्की ने कहा कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और अन्य अनेक राज्यों में भुईहर मुंडा को आधिकारिक रूप से अनुसूचित जनजाति का दर्ज़ा प्राप्त है। उन्होंने सरकार से अपील किया है कि भुईहर मुंडा को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए अपनी नयी अनुशंसा जल्द-से-जल्द केन्द्र सरकार को भेज दे।