गलत मंशा से योजना बदलने का लगा आरोप 

गलत मंशा से योजना बदलने का लगा आरोप 

चाईबासा: डीएमएफटी कोष की राशि को मनमानी तरीके से खर्च करने का आरोप लगा है। मामला  बड़ागुईरा व पतागुईरा गांव का है। जो जिला मुख्यालय चाईबासा से पश्चिमी दिशा में  महज 4-5 किमी की  दूरी पर स्थित हैं। ग्रामसभा बड़ागुईरा ने लगभग 100 एकड़ खेतों मे सिंचाई जल आपूर्ति के लिए प्राथमिकता के आधार पर वर्ष 2016 -17 से चयन करते आए हैं लेकिन यह ग्रामीण की अति महत्वाकांक्षी योजना को जिला प्रशासन ने कभी गम्भीरता से नहीं लिया। ग्रामीणों द्वारा प्रस्तावित  योजना को  डीएमएफटी सेल के जिला प्रशासन ने पत्रांक संख्या 3470 दिनांक 26/11/2017 के तहत स्वीकृति दी थी, लेकिन इस  योजना को जिला प्रशासन ने कुछ लोभी अधिकारियों ने गलत मंशा से योजना में  संशोधन किया।  पत्रांक 3689 दिनांक 15/12/2017 के द्वारा संशोधित योजना के तहत ग्राम पतागुईरा नाला पर चेक डैम निर्माण करने का पत्र जारी किया गया। 
 जिसमे कुल- ₹ 80,13,000.00 खर्च बताई गई है। इस संबंध में बड़ागुईरा के ग्रामीणों को पता ही नहीं है कि जगह परिवर्तन किस आधार पर हुआ। कब ग्राम सभा हुई ? 
आरोप है कि जिस जगह पर चेकडैम का  निर्माण हुआ है वहां किसी खेत में पानी नहीं जाता है ओवरफ्लो होकर नदी में ही वापस जाती है। जाड़े के मौसम मे मुश्किल से 5-6  परिवार  बागवानी के लिए पानी का इस्तेमाल करते हैं। 
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि महज  5 - 6 परिवार के लिए 80 लाख 13 हजार रुपये की राशि लूटा दी गई।  
उधर  13 अगस्त 2023 को बड़ागुईरा में  विजय सिंह सुंडी की अध्यक्षता में ग्राम सभा आयोजित की गई। ग्रामसभा में यह बात स्पष्ट रूप से सामने  आयी कि प्राथमिक सूची में योजना चयन के बावजूद विभाग द्वारा बिना ग्रामसभा के अनुमति लिए मनमानी तरीके से योजना को दूसरे  गांव पतागुइरा में कन्वर्ट कर दिया गया।  इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश हैं। यह समस्या तब सामने आयी जब सूचना का अधिकार के तहत जानकारी एकत्रित की गई। 
 बैठक मे ग्रामीणों ने ग्राम मुंडा विजय सिंह सुंडी व मुखिया  गुलशन सुंडी से भी इस संबंध मे सवाल जवाब किया ।
 
 इस समस्या पर सामाजिक कार्यकर्ता  मानकी तुबिड के द्वारा 1 अगस्त 2022 को जिला में विभिन्न योजनाओं को दस्तावेज पर ही योजना निर्माण करने या अधूरा होने एवं राशि निकासी होने के संबंध में जांच कर कार्रवाई करने के लिए कुल 5 योजनाओं का सूची जिला उपायुक्त को दिया गया था। इस शिकायत के अनुसार जिला प्रशासन ने एक जांच दल गठित कर इन योजनाओं की जांच कराई थी। जिसमें यह उभरकर के आयी है। लेकिन जांच रिपोर्ट में ग्रामसभा द्वारा परिवर्तन करने का कोई जिक्र ही नहीं किया। 
 बैठक में मुख्य रूप से पंचायत के मुखिया गुलशन सुंडी, हेलेन सुंडी, विनीता सुंडी, सनी सुंडी, कुंदन सुंडी, मनिषा सुंडी, लक्ष्मी सुंडी, सहदेव सुंडी, जोंगा सुंडी, जोबना सुंडी, पर्वती सुंडी आदि शामिल थे।